मां काली चालीसा (Kali Chalisa), हिंदी में मां काली की प्रार्थना का एक पाठ है। मां काली देवी की कृपा और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए इसे पाठ किया जाता है। यह चालीसा उनकी महिमा, शक्ति और करुणा को व्यक्त करने का माध्यम है। मां काली, मां शक्ति की प्रतिष्ठित देवी हैं, जिन्हें सभी भक्त उनकी कृपा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए यह चालीसा पढ़ते हैं। चालीसा (Kali Chalisa) के इस भाग में हम मां काली की महिमा, शक्तियों और करुणा का वर्णन करेंगे। आइए, हम सब मिलकर मां काली की चालीसा को पढ़ें और उनकी कृपा को प्राप्त करें।
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संकट में जो सुमिरन करहीं । उनके कष्ट मातु तुम हरहीं ॥
प्रेम सहित जो कीरति गावैं । भव बन्धन सों मुक्ती पावैं ॥18॥
काली चालीसा जो पढ़हीं । स्वर्गलोक बिनु बंधन चढ़हीं ॥
दया दृष्टि हेरौ जगदम्बा । केहि कारण मां कियौ विलम्बा ॥19॥
करहु मातु भक्तन रखवाली । जयति जयति काली कंकाली ॥
सेवक दीन अनाथ अनारी । भक्तिभाव युति शरण तुम्हारी ॥20॥
प्रेम सहित जो करे, काली चालीसा पाठ ।
तिनकी पूरन कामना, होय सकल जग ठाठ ॥
।। माँ काली चालीसा।।
।। Kali Chalisa।।
काली चालीसा (Kali Chalisa) के पाठ से बहुत से लाभ मिलते हैं। मां काली की पूजा अधूरी मानी जाती है जब तक काली चालीसा का पाठ नहीं किया जाता। इस पाठ से शत्रुओं से मुक्ति, इच्छा पूर्ति और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। धर्म की रक्षा और संसार से अंधकार मिटाने के लिए मां काली की उत्तपत्ति हुई है। नवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर इसका पाठ करना शुभ माना जाता है। इस पाठ से आध्यात्मिक, भौतिक और भावनात्मक खुशी मिलती है और मन को शांत करता है। रोजाना काली चालीसा (Kali Chalisa) का पाठ करने से शक्ति विकसित होती है और दुश्मनों से निपटने और वित्तीय संकट से बचने की क्षमता विकसित होती है। इस पाठ का उच्चारण करने से मानसिक शक्ति भी बढ़ती है।
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Dr. Rahul Nair, with 15+ years in student counseling, integrates psychology and spirituality to guide learners toward aligned educational paths, personal growth, and meaningful success in life.